मुख्य अतिथि: हरक सिंह रावत
कार्यक्रम के अध्यक्षः डा. वी. सी. ठाकुर
आयोजकः उत्तराखण्ड जैव विविधता बोर्ड, देहरादून
आयोजन स्थल: नवधान्य जैव विविधता एवं संरक्षण फार्म, देहरादून


22 मई 2018। देहरादून। नवधान्य जैव-विविधता एवं संरक्षण फार्म, रामगढ़ देहरादून में उत्तराखण्ड जैव विविधता बोर्ड के द्वारा अंतर्राष्टीय जैव विविधता दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की विशय वस्तु ’ पृथ्वी पर जीवन की सुरक्षा के स्मरणीय 25 वर्श’ थी। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्श्री डा. वी.सी. ठाकुर ( पूर्व निदेषक वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान, देहरादून ) ने की । इस अवसर पर डा. राकेश षाह, अध्यक्ष, जैव विविधता बोर्ड उत्तराखण्ड, श्री जय राम जी, मुख्य वन संरक्षक, देहरादून; डा. विनोद भट्ट, निदेषक नवधान्य एवं डा. धनंजय प्रसाद, उप निदेशक जैव विविधता बोर्ड, उत्तराखण्ड भी मंच पर उपस्थित थे। कार्यक्रम में देहरादून के 200 किसानों ने भी प्रतिभाग किया।
डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि भारत दुनिया के 12 बडे़ जैव विविध देषों में से एक है। उन्होंने कहा कि देष की सार्वाधिक जैव विविधता उत्तराखण्ड में है, इस तरह से जैव विविधता संरक्षण की दृश्टि से उत्तराखण्ड का पूरे विष्व में महत्व पूर्ण स्थान है। डा. रावत ने चिपको आंदोलन की प्रणेता गौरा देवी और सुंदर लाल बहुगुणा के योगदान को याद करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड ने विष्व को वन और जीव-जंतुओं के संरक्षण का संदेष दिया है, इसलिये प्रकृति संरक्षण के लिहाज से हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि नवधान्य कृशि जैव विविधता संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। इस अवसर पर उन्होंने देहरादूनी बासमती उत्पादक किसानों की खूब प्रषंसा की।
डा. वी. सी ठाकुर ने कहा कि जैव विविधता की दृश्टि से उत्तराखण्ड देष का एक समृद्ध राज्य है और हमें अपने पूर्वजों से सीख लेकर नदियों और जीव-जंतुओं के संरक्षण के लिए कदम बढ़ाने चाहिए। डा. ठाकुर ने निरंतर हो रहे जलवायु परिवर्तन पर चिंता व्यक्त की। कहा कि गौरय्या का धीरे-धीरे लुप्त हो जाना और गिलहरी का मैदानों को छोडकर पहाड़ों की तरह आना, मानव सहित सभी जीवों के अस्तिव पर आने वाली चुनौती का संकेत है। कहा कि निरंतर बढ़ रहे तापमान को पेढ़ पौधे लगाकर ही नियंत्रित किया जा सकता है।
डा. राकेष षाह ने इस जैव विविधता दिवस (22 मई, 2018) से उत्तराखण्ड जैव विविधता बोर्ड के द्वारा जैव विविधता संरक्षण हेतु ’गौरा देवी पुरस्कार’ प्रारम्भ करने की घोशणा की। इसी क्रम में 2018 का गौरा देवी पुरस्कार बासमती संरक्षण के लिए विकासनगर, देहारादून की श्रीमती सुशमा जुयाल को दिया गया। इस अवसर देहरादून के अन्य बासमती उत्पादक किसानों यथा श्री सूर्य प्रकाष बहुगुणा; श्री यषपाल राणा, श्री मुकुन्दी लाल, श्री उम्मेद सिंह बोरा को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड जैव विविधता बोर्ड द्वारा सृजित साहित्य का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम में जैविक उत्पादों के स्टाॅल भी लगे थे। अल्मोड़ा के गजेंद्र पाठक ने ’स्याही हल प्रदर्षनी में लगाया, जिसे बाद में नवधान्य ने खरीद लिया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में डा. धनंजय प्रसाद ने सभी अतिथियों के सम्मान में स्वागत भाशण पढ़ा। वहीं, कार्यक्रम के अंत में डा. विनोद कुमार भट्ट ने कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम का संचालन डा. एम.एल. काॅल ने किया। कार्यक्रम में नवधान्य महिला अन्न स्वराज समूह की सदस्य, क्षेत्र के किसान, नवधान्य परिवार एवं जैव विविधता बोर्ड के अधिकारी एवं कर्मचारियों सहित 300 से अधिक लोग उपस्थित रहे।

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