जासं, दक्षिणी दिल्ली : गन्ना किसानों की समस्या और उनके लिए रोजगार के दूसरे विकल्पों की तलाश कर रही संस्था नवदन्या ने आइएनए स्थित दिल्ली हाट में शनिवार को गुड़ व गन्ना उत्सव का आयोजन किया। यह उत्सव 30 मार्च तक चलेगा। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत, बिजनौर, शाहजहांपुर आदि जिलों के किसानों ने हिस्सा लिया। 1संस्था के पदाधिकारियों के अनुसार गन्ना किसानों की हालत काफी खस्ता है। इसके बदले वह रोजगार के दूसरे विकल्प तलाश रहे हैं। गन्ना किसानों की असली समस्या यह है कि अच्छी फसल उगाने के बावजूद उन्हें अपने फसल की सही कीमत नहीं मिल रही है। इसके चलते किसानों को कर्ज लेना पड़ा है और कर्ज के बढ़ते बोझ के चलते किसान आत्महत्या की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। 1शाहजहांपुर से आए मनोज ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर किसानों का 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। वहीं, किसानों को 24 फीसदी सालाना ब्याज की दर पर कर्ज लेना पड़ रहा है। इससे किसानों की आमदनी का करीब 34 फीसदी हिस्सा ब्याज चुकाने में ही खर्च हो रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक किसान उदय वीर ने बताया कि गुड़ और गन्ने से बनने वाले दूसरे उत्पादों के बारे में लोगों को बताया जाएगा।1 ताकि वह इनका ज्यादा इस्तेमाल करें। इससे हमें भी लाभ होगा। बता दें कि वर्ष 2013 में उत्तर प्रदेश में 750 किसानों के आत्महत्या के मामले सामने आए हैं।जासं, दक्षिणी दिल्ली : गन्ना किसानों की समस्या और उनके लिए रोजगार के दूसरे विकल्पों की तलाश कर रही संस्था नवदन्या ने आइएनए स्थित दिल्ली हाट में शनिवार को गुड़ व गन्ना उत्सव का आयोजन किया। यह उत्सव 30 मार्च तक चलेगा। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत, बिजनौर, शाहजहांपुर आदि जिलों के किसानों ने हिस्सा लिया। 1संस्था के पदाधिकारियों के अनुसार गन्ना किसानों की हालत काफी खस्ता है। इसके बदले वह रोजगार के दूसरे विकल्प तलाश रहे हैं। गन्ना किसानों की असली समस्या यह है कि अच्छी फसल उगाने के बावजूद उन्हें अपने फसल की सही कीमत नहीं मिल रही है। इसके चलते किसानों को कर्ज लेना पड़ा है और कर्ज के बढ़ते बोझ के चलते किसान आत्महत्या की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। 1शाहजहांपुर से आए मनोज ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर किसानों का 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। वहीं, किसानों को 24 फीसदी सालाना ब्याज की दर पर कर्ज लेना पड़ रहा है। इससे किसानों की आमदनी का करीब 34 फीसदी हिस्सा ब्याज चुकाने में ही खर्च हो रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक किसान उदय वीर ने बताया कि गुड़ और गन्ने से बनने वाले दूसरे उत्पादों के बारे में लोगों को बताया जाएगा।1 ताकि वह इनका ज्यादा इस्तेमाल करें। इससे हमें भी लाभ होगा। बता दें कि वर्ष 2013 में उत्तर प्रदेश में 750 किसानों के आत्महत्या के मामले सामने आए हैं।