’युवा अन्न स्वराज’ः भारत के सुरक्षित भविष्य के लिए
भारत युवाओं का देश है, लेकिन जंक फूड/नकली भोजन/ विषाक्त भोजन के माध्यम से हमारे बच्चों और युवाओं को स्वस्थ रहने और पोषण प्राप्त करने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। इस अधिकार की प्राप्ति के लिए नवधान्य ने बाल दिवस-2015 से बच्चों का स्वस्थ भोजन का अधिकारः ’युवा अन्न स्वराज’ नामक अभियान प्रारम्भ कर दिया है।
जंक फूड बनाम स्वस्थ विकल्प
जंक फूड/नकली भोजन | पोषक तत्वों से युक्त जैविक-वास्तविक भोजन |
---|---|
रिफांइड चीनी | गुड़ |
उच्च-फ्रक्टोज कार्न सीरप/कृत्रिम मीठास | प्राकृतिक मीठास |
पोषण विहीन सामग्री | 60 गुना पोषक सामग्री |
सल्फर डाइ-आॅक्साइड, विरंजक | कोई रसायनिक मिलावट नहीं |
कोक/पेप्सी | शरबत |
---|---|
उच्च-फ्रक्टोज कार्न सीरप/कृत्रिम मीठास | प्राकृतिक मीठास |
शून्य पोषकता | पोषकता से भरपूर |
Chips | Nani ke Namkeen |
---|---|
High on Trans Fatty Acids causing obesitye | High on nutrient content |
रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सी.डी.सी.) के हवाले से कहा गया कि वयस्कों में अंतिम बीस वर्ष में मोटापा 60 प्रतिशत बढ़ता है जबकि बचपन से लेकर तीस वर्ष तक वनज में तिगुना वृद्धि दर्ज की गई। एक आंकडे के अनुसार 2005 में भारत में हुई कुल मौतों में से 50 प्रतिशत मृत्यु मौटापे और मधुमेह के कारण हुईं। यदि यही हालात रहे तो मोटापे और मधुमेह के कारण यह अनुपात 2030 तक एक तिहाई के आंकडे को पार कर जाएगा।
नवीनतम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2005-06) के अनुसार प्रत्येक आठ में से कम से कम एक भारतीय मोटापे या अधिक वनज की बीमारी का शिकार हो रहा है। दिल्ली उच्च न्यायालय के 2015 के एक फैसले के आधार पर एफ.एस.एस. ने कैंटीन पाॅलिसी के साथ ही स्कूली स्वास्थ्य-शिक्षा तथा विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के मध्य जागरूकता फैलाने के लिए एक मसौदा तैयार किया है। न्यायालय द्वारा यह भी कहा गया कि स्कूल के आस-पास 50 मीटर के क्षेत्र में उच्च वसा युक्त नमकीन और कृत्रिम मीठास युक्त फास्ट फूड, जंक फूड बेचने पर रोक लगाई जाए। ऐसी भोजन-सामाग्री में चिप्स, रेडी-टु-ईट नूडल्स, पिज्जा, बर्गर, कृत्रिम शर्करा युक्त कार्बनिक और अकार्बनिक पेय, आलू के फ्रेंच-फ्राई तथा मिठाइयां सम्मिलित हैं।
हम आपसे आह्वान करते हैं कि अधिकाधिक संख्या में ’युवा अन्न-स्वराज’ अभियान से जुड़कर युवाओं को बचाने के लिए अपना अमूल्य योगदान दीजिए और जंक फूड/नकली भोजन तथा विषाक्त भोजन के स्थान पर शुद्ध और जैविक भोजन अपनाइए। आएं, हम सब मिलकर युवा भारत को स्वस्थ बनाने की सपथ लेते हैं।
- जंक फूड/नकली भोजन (उच्च वसायुक्त नमकीन और कृत्रिम मीठास युक्त भोजन) कदापि न लें।
- परम्परागत सरसों और केला की फसलों को बढ़ावा दें तथा विषाक्त युक्त जैव-यांत्रिक आधार पर शोधित (जी.एम) फसलों का विरोध करें।
- जो कैंटीप पोषण युक्त सुरक्षित तथा जैविक भोजन भोजन उदाहरण के लिए नानी के पकवान, नानी की नमकीन उपलब्ध कराती हों वहीं से भोजन करें।
- आशा के बाग लगाकर स्वस्थ भोजन का उत्पादन कीजिए और स्वस्थ रहिए।